रविवार, 1 मार्च 2009

चार लाइनें

ये जो खाकी पहनें पुलिस वाले हैं ,
दरअसल हमनें वर्दी में, गुंडे पाले हैं । ।

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बहुत सख्त थी जमीन , तुमने कहा पत्थर है ,
हाथों से ही तोड़कर ,
हमने उगा दी फसलें,
उसी जमीन में ,
जिसे तुमने कहा था बंजर है । ।

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