होली है? ....
जब हो ही ली है, तो फिर कैसी होली है?
रंग कई है चटख चमकते,
जाने क्यों सब काले दिखते?
ठंडे पानी, खूब नहाया,
फिर भी गहरे सो ली है..
होली है?.....
ऊँची आवाजों में, झूमें,
नाचें, गायें..
बाहर भीतर शोर भरा,
अंदर फैली नीरवता..
मौज मनाती, मतवाली ये,
कैसी टोली है..
होली है?.....
मीठा खट्टा भोग लगाकर,
जीभ स्वाद से भरी हुई,
गहरे गहरे कड़ुआहट है,
कैसी ये हमजोली है?
होली है?....
जब हो ही ली है, तो फिर कैसी होली है?
रंग कई है चटख चमकते,
जाने क्यों सब काले दिखते?
ठंडे पानी, खूब नहाया,
फिर भी गहरे सो ली है..
होली है?.....
ऊँची आवाजों में, झूमें,
नाचें, गायें..
बाहर भीतर शोर भरा,
अंदर फैली नीरवता..
मौज मनाती, मतवाली ये,
कैसी टोली है..
होली है?.....
मीठा खट्टा भोग लगाकर,
जीभ स्वाद से भरी हुई,
गहरे गहरे कड़ुआहट है,
कैसी ये हमजोली है?
होली है?....