बरसाती कवि..
लिख दिया जो मन में आया.. श्रोता ताली बजा दिये.. . हींग लगा ना फिटकरी, दुष्यंत भैया कवि भये...
सोमवार, 25 जनवरी 2010
मरने से पहले
मरने से पहले
,
कुछ ऐसा
,
कर जा
,
के तेरी कब्र पर
,
जिंदगी के
,
मेले लगा करें.....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें