लिख दिया जो मन में आया.. श्रोता ताली बजा दिये.. .
हींग लगा ना फिटकरी, दुष्यंत भैया कवि भये...
रविवार, 15 फ़रवरी 2009
अब सब मुझे सुनेंगे ....
हाँ अब लोगो को मुझे सुनना ही पड़ेगा। बहुत हो गया । अब बदलाव आकर रहेगा। मेरी कवितायेँ बदलाव लायेंगी। मेरी हिन्दी कवितायेँ। दुष्यंत की हिन्दी कवितायेँ। COPYRIGHT IS STRICTLY RESERVED.
HEY DUDE BE THE CHNAGE . WE ARE WITH YOU.
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